दीनदयाल उपाध्याय एवं भारतीय अर्थव्यवस्था Deendayal Upadhyay evam Bharatiya arthvyavastha edited by:अग्रवाल, मनोज कुमार कर्ण, विजय कुमार - नई दिल्ली ऐकडेमिक फाउंडेशन 2019 - xv, 136p.

भारतीय अर्थव्यवस्था वर्तमान में तीव्र गति से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है। यहाँ संसाधनों की उपलब्धता भी तेजी से बढ़ रही है। आज भारत का विकास दर दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तीत्र गति से विकास पथ पर अग्रसर है। भारत शीघ्र ही विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर गतिशील है। परंतु यह विडम्बना भी है कि आज भारत में विश्व की सर्वाधिक गरीबी एवं कुपोषण विद्यमान है। ऐसा इसलिए है कि हमने भारतीय संस्कृति के अनुरूप आर्थिक रणनीतियों को नहीं अपनाया। अपितु पश्चिमी मॉडल का अवांछित अनुसरण करते चले जा रहे हैं। इन परिस्थितियों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के आर्थिक चिंतन के अनुरूप आर्थिक रणनीति अपनाने के क्रम में इस पुस्तक में विभिन्‍न पहलुओं का अध्ययन करने का प्रयास किया गया है। इस चिंतत्न के अध्ययन का उद्देश्य समाज के अंतिम छोर तक विकास के प्रकाश को पहुंचाना है। यह पुस्तक आर्थिक चिंतकों, नीति-निर्माताओं व शोधकर्ताओं को द्वीनदयाल उपाध्याय के आर्थिक विकास के मॉडल को समझने हेतु अत्यंत उपयोगी साबित होगी।


Hindi Book

9789332704978


Economic Policy --India--Economic Development--Agricultural Growth
Deendayal Upadhyay 1916-1968--India--Indian Economy--Human Philosophy

923.33092 / DEE-