ग्रामीण क्षेत्रों में मानवशास्त्रीय अध्ययन / Gramin kshetron mein Manavshastriya adhyayan edited by:जोधका, सुरिंदर एस. [Jodhka, Surinder S.]चौबे, कमाल नयन [Choubey, Kamal Nayan] सम्पादक सुरिन्दर एस. जोधका, कमल नयन चौबे - नई दिल्ली : वाणी प्रकाशन और इकनॉमिक एण्ड पोलिटिकल वीकली, 2019. - 232p. - भारतीय ग्राम शृंखला - I .

Includes bibliographical references and index.

भारतीय ग्राम अध्ययन श्रृंखला की इस पहले भाग में सुरिन्दर एस. जोधका की प्रस्तावना के अतिरिक्त कुल बारह अध्याय हैं। असल में, इस श्रृंखला के सभी भागों में सम्मिलित शोध-आलेखों की बेहतरीन समझ बनाने के लिए यह आवश्यक है कि यह ध्यान रखा जाये कि ये किस वर्ष प्रकाशित हुए थे। इस श्रृंखला के इस पहले भाग के सन्दर्भ में इस बारे में विशेष रूप से जागरूक रहने की आवश्यकता है इस भाग में सम्मिलित सभी आलेख विभिन्न मानवशास्त्रियों द्वारा भारत के गाँवों के गम्भीर अध्ययन को प्रस्तुत करते हैं। पहले अध्याय में एम. एन. श्रीनिवास ने मैसूर के एक गाँव रामपुरा की सामाजिक संरचना और यहाँ के लोगों के जीवन के विविध आयामों का चित्र उकेरा है। दूसरे अध्याय में एरिक जे. मिलर ने केरल के एक गाँव की संरचना का अत्यन्त रोचक वर्णन प्रस्तुत किया है। डब्ल्यू. एच. नेवेल ने तीसरे अध्याय में एक हिमालय की गोद में बसे एक गाँव का मानवशास्त्रीय अध्ययन पेश किया है। अध्याय चार में ज्योतिर्मयी शर्मा ने बंगाल के एक गाँव का मानवशास्त्रीय वर्णन प्रस्तुत किया है। उन्होंने जिस गाँव का विवरण दिया है, वह हुगली जिले के हावड़ा रेलवे स्टेशन से 30 मील की दूरी पर है। मेरियन डब्ल्यू. स्मिथ ने पंजाब के एक गाँव की सामाजिक संरचना का अध्ययन प्रस्तुत किया है। एस. सी. दुबे ने दक्कन में हैदराबाद राज्य के अदीलाबाद जिले के एक मिश्रित गाँव देवारा का अध्ययन प्रस्तुत किया है, जहाँ मुख्य रूप से आदिवासियों का प्रभुत्व है। सातवें अध्याय में एड्रियान सी. मेयर ने मालवा के एक गाँव में होने वाले बदलावों का अध्ययन प्रस्तुत किया है। आंद्रे येते ने तंजौर जिले के श्रीपुरम नामक गाँव और वहाँ के जीवन के विविध आयामों का अध्ययन किया है। वी. नाथ द्वारा लिखित आलेख में राजस्थान के एक बदलते गाँव की तस्वीर प्रस्तुत की गयी है। एम. एन. श्रीनिवास और ए. एम. शाह ने भारतीय गाँवों के आत्मनिर्भरता के मिथक की गहराई से पड़ताल की है। बर्नार्ड एस. कोहेन ने एक उत्तर भारतीय गाँव में चमार परिवार में हो रहे संरचनात्मक परिवर्तनों का अध्ययन किया है । एम.एस.ए. राव ने अपने आलेख में दिल्ली के एक गाँव में शहरीकरण के कारण होने वाले सामाजिक परिवर्तनों का विश्लेषणात्मक अध्ययन पेश किया है।


Hindi.

9789389012835


Rural areas --Social aspects--India.
Anthropology--India.
Social structure--Rural areas--India.
Social change--Rural areas --India.
Social life and customs --Rural areas--India.
Human geography --Rural areas --India.

301.235 / GRA-