एलविन, वेरियर

जनजातीय मिथक : उड़िया आदिवासियों की कहानियाँ / Janjatiya Mithak: Udiya Adivasiyon ki Kahaniyaan वेरियर एलविन - दिल्ली : राजकमल प्रकाशन, 2011. - 520p.

Includes bibliographical references and index.

यह पुस्तक हमें उड़ीसा की जनजातियों की लगभग एक हजार लोककथाओं से परिचित कराती है। इसमें भतरा, बिंझवार, गदबा, गोंड और मुरिया, झोरिया और पेंगू, जुआंग, कमार, कोंड, परेंगा, सांवरा आदि की लोककथाओं को संग्रहीत किया गया है। इन कहानियों के माध्यम से आदिवासियों के जीवन को सही परिप्रेक्ष्य में देखा-परखा जा सकता है।

इन जनजातियों में आपस में अनेक समानताएं हैं। उनकी दैनन्दिन जीवन शैली, उनकी अर्थव्यवस्था, उनके सामाजिक संगठन, यहाँ तक कि उनके विश्वासों और आचार-व्यवहार में भी समानता पाई जाती है। जहाँ भी उनमें विभिन्नताएँ हैं वह जातीय वैशिष्ट्य के कारण नहीं, वरन परिवेश, शिक्षा और हिन्दू प्रभाव के फलस्वरूप आई हैं। तुलनात्मक दृष्टि से एक आदिम कोंड एक आदिम दिदयि से अधिक समानता रखता है बजाय उत्तर-पश्चिम पर्वतीय क्षेत्र के किसी कोंड के जो रसेलकोंडा मैदानी क्षेत्र के कोंड के अधिक समीप लगता है।

इन रोचक कहानियों का क्रमवार व विषयवार संयोजन किया गया है ताकि पाठक की तारतम्यता बनी रहे। सदियों से दबे आदिवासियों की ये कहानियाँ जहाँ सामान्य पाठक के लिए ज्ञानवर्द्धक हैं, वहीं शोधकर्त्ताओं को शोध के लिए एक नई जमीन भी मुहैया कराती हैं।


Hindi.

9788126715473


हिन्दू पुराण.
पौराणिक कथाओं, इंडिक.

398.21095413 / ELV-J