भारत हमें क्या सिखा सकता है? / (Record no. 38393)

000 -LEADER
fixed length control field 04974nam a2200241 4500
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER
ISBN 9789388933896
041 ## - LANGUAGE CODE
Language code of text/sound track or separate title hin-
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number 954
Item number MUL-B
100 1# - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME
Personal name मूलर, मैक्स
Fuller form of name Muller, Max
Relator term लेखक.
-- author.
245 10 - TITLE STATEMENT
Title भारत हमें क्या सिखा सकता है? /
Statement of responsibility, etc मैक्स मूलर
246 ## - VARYING FORM OF TITLE
Title proper/short title Bharat hamein kya sikha sakta hai?
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT)
Place of publication दिल्ली :
Name of publisher राजकमल प्रकाशन,
Year of publication 2019.
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Number of Pages 174p.
504 ## - BIBLIOGRAPHY, ETC. NOTE
Bibliography, etc Includes bibliographical references and index.
520 ## - SUMMARY, ETC.
Summary, etc भारतीय साहित्य और संस्कृति पर मैक्स मूलर के अगाध ज्ञान को देखते हुए इंग्लैंड की सरकार ने उन्हें 1882 में आई.सी.एस. पास हुए अंग्रेज युवकों के प्रशिक्षण के दौरान भारतीय धर्म, साहित्य और संस्कृति पर व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया, ताकि ये भावी प्रशासक भारत की आत्मा को उचित ढंग से समझ सकें। इस अवसर पर प्रो. मैक्स मूलर ने सात व्याख्यान दिए जिन्हें बाद में पुस्तक के रूप में 1882 में ही प्रकाशित कर दिया गया। यह पुस्तक उसी का अनुवाद है। इन व्याख्यानों में उन्होंने बताया कि भारतीय समाज को पश्चिम से कमतर समझना भूल है। उन्होंने वेदों और यहाँ के पुराख्यानों की व्याख्या करते हुए बताया कि ये सब हिन्दुओं की जीवन-प्रणाली के प्राण हैं। आज भी उनके ये व्याख्यान भारतीय अस्मिता और प्रज्ञा को समझने के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। इन व्याख्यानों में वे क्रमशः भारत की भौगोलिक सम्पन्नता, सांस्कृतिक विविधता, चारित्रिक जटिलता और धार्मिकता पर अपने गहन अध्ययन की रोशनी में प्रकाश डालते हैं। वे बताते हैं कि नृतत्त्वशास्त्रियों, भाषाशास्त्रियों, इतिहासकारों, समाजशास्त्रियों और धार्मिक चिन्तकों के लिए भारत में कितना कुछ है, जिस पर वे काम कर सकते हैं। एक पूरा व्याख्यान इस श्रृंखला में उन्होंने सिर्फ इस धारणा को निरस्त करने के लिए दिया जिसके अनुसार भारत के हिन्दू लोगों में सत्य के प्रति सम्मान नहीं है। इस पूर्वग्रह के विरुद्ध उन्होंने अनेक विद्वानों के मन्तव्य देते हुए और कई ग्रंथों के उदाहरण देते हुए सिद्ध किया कि ऐसा नहीं है। मैक्स मूलर को लेकर एक नकारात्मक विचार उस धारा के साथ भी चलता है जिसमें मैकाले के अंग्रेजी को लेकर किए गए प्रयासों को एक साजिश करार दिया जाता है, तो भी यह जानने के लिए कि मैक्स मूलर स्वयं भारत और भारतीय संस्कृति के बारे मैं क्या सोचते थे, यह पुस्तक एक अनिवार्य पाठ है।
546 ## - LANGUAGE NOTE
Language note Hindi.
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term संस्कृत साहित्य.
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term भारत.
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term वेदों.
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term सभ्यता.
700 ## - ADDED ENTRY--PERSONAL NAME
Personal name मिश्र, सुरेश
Relator term अनुवादक.
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
Source of classification or shelving scheme
Koha item type Books
Holdings
Withdrawn status Lost status Damaged status Not for loan Permanent Location Current Location Date acquired Source of acquisition Cost, normal purchase price Full call number Accession Number Cost, replacement price Price effective from Koha item type
        NASSDOC Library NASSDOC Library 2023-03-17 Overseas 0.00 954 MUL-B 53424 0.00 2023-06-07 Books