हिंदू परम्पराओं का राष्ट्रीयकरण : (Record no. 38407)

000 -LEADER
fixed length control field 05448nam a2200277 4500
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER
ISBN 9788126728619
041 ## - LANGUAGE CODE
Language code of text/sound track or separate title hin
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number 891.438409
Item number DAL-H
100 1# - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME
Personal name डालमिया, वसुधा
Fuller form of name Dalmiya, Vasudha
Relator term लेखक [author]
245 10 - TITLE STATEMENT
Title हिंदू परम्पराओं का राष्ट्रीयकरण :
Sub Title भारतेन्दु हरिश्चंद्र और उन्नीसवी सदी का बनारस /
Statement of responsibility, etc वसुधा डालमिया
246 ## - VARYING FORM OF TITLE
Title proper/short title Hindu Paramparao ka Rashtriyakaran: Bharatendu Harishchandra aur Unnisvi Sadi ka Banaras
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT)
Place of publication दिल्ली :
Name of publisher राजकमल प्रकाशन,
Year of publication 2016.
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Number of Pages 436p.
504 ## - BIBLIOGRAPHY, ETC. NOTE
Bibliography, etc Include bibliographical references.
520 ## - SUMMARY, ETC.
Summary, etc अंग्रेजी में आज से उन्नीस साल पहले प्रकाशित यह पुस्तक एक ऐसे ढांचे की प्रस्तावना करती है जो भारतेंदु के पारंपरिक और परिवर्तनोन्मुख पहलुओं की एक साथ सुसंगत रूप में व्याख्या कर सके। इस ढांचे में भारतेंदु हिंदुस्तान के उस उदीयमान मध्यवर्ग के नेतृत्वकारी प्रतिनिधि के रूप में सामने आते हैं जो पहले से मौजूद दो मुहावरों के साथ अंतरक्रिया करते हुए एक तीसरे आधुनिकतावादी मुहावरे को गढ़ रहा था। ये तीन मुहावरे क्या थे, इनकी अंतरक्रियाओं की क्या पेचीदगियां थीं, सांप्रदायिकता और राष्ट्रवाद के सहविकास में आरंभिक सांप्रदायिकता और आरंभिक राष्ट्रवाद को चिह्नित करनेवाला यह तीसरा मुहावरा किस तरह समावेशन अपवर्जन की दोहरी प्रक्रिया के बीच हिंदी भाषा और साहित्य को हिंदुओं की भाषा और साहित्य के रूप में रच रहा था और इस तरह समेकित रूप से राष्ट्रीय भाषा, साहित्य तथा धर्म की गढ़त का ऐतिहासिक किरदार निभा रहा था, किस तरह नई हिंदू संस्कृति के निर्माण में एक-दूसरे के साथ जुड़ती भिड़ती तमाम शक्तियों के आपसी संबंधों को भारतेंदु के विलक्षण व्यक्तित्व और कृतित्व में सबसे मुखर अभिव्यक्ति मिल रही थी - यह किताब इन अंतस्संबंधित पहलुओं का एक समग्र आकलन है। यहां बल एकतरफ़ा फ़ैसले सुनाने के बजाय चीज़ों के ऐतिहासिक प्रकार्य और गतिशास्त्र को समझने पर है। ध्वस्त करने या महिमामंडित करने की जल्दबाज़ी वसुधा डालमिया के लेखन का स्वभाव नहीं है, मामला भारतेंदु का हो या भारतेंदु पर विचार करनेवाले विद्वानों का। हिंदी में इस किताब का आना एकाधिक कारणों से जरूरी था। नई सूचनाओं और स्थापनाओं के लिए तो इसे पढ़ा ही जाना चाहिए, साथ ही, हर तथ्य को साक्ष्य से पुष्ट करनेवाली शोध प्रविधि, हर कोण से सवाल उठानेवाली विश्लेषण विधि और खंडन-मंडन के जेहादी जोश से रहित निर्णय-पद्धति के नमूने के रूप में भी यह पठनीय है।
546 ## - LANGUAGE NOTE
Language note Hindi.
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term राष्ट्रवादी.
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term भारत.
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term हरिश्चंद्र, भारतेंदु, 1850-1885.
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term हिंदू सभ्यता.
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term लेखक, हिन्दी.
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term सभ्यता.
700 1# - ADDED ENTRY--PERSONAL NAME
Personal name कुमार, संजीव [Kumar, Sanjeev]
Relator term अनुवादक.
700 1# - ADDED ENTRY--PERSONAL NAME
Personal name दत्त, योगेंद्र [Dutt, Yogendra]
Relator term अनुवादक.
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
Source of classification or shelving scheme
Koha item type Books
Holdings
Withdrawn status Lost status Damaged status Not for loan Permanent Location Current Location Date acquired Source of acquisition Cost, normal purchase price Full call number Accession Number Cost, replacement price Price effective from Koha item type
        NASSDOC Library NASSDOC Library 2023-03-17 Overseas 0.00 891.438409 DAL-H 53423 0.00 2023-06-07 Books