हिंदू सभ्यता / (Record no. 38411)

000 -LEADER
fixed length control field 04920nam a2200253 4500
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER
ISBN 9788126705030
041 ## - LANGUAGE CODE
Language code of text/sound track or separate title hin-
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number 294.5
Item number MUK-H
100 1# - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME
Personal name मुखर्जी, राधामुकुद
Fuller form of name Mukherjee, Radhamukud
Relator term लेखक.
-- author.
245 10 - TITLE STATEMENT
Title हिंदू सभ्यता /
Statement of responsibility, etc राधामुकुद मुखर्जी
246 ## - VARYING FORM OF TITLE
Title proper/short title Hindu Sabhyata
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT)
Place of publication दिल्ली :
Name of publisher राजकमल प्रकाशन,
Year of publication 2016.
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Number of Pages 336p.
504 ## - BIBLIOGRAPHY, ETC. NOTE
Bibliography, etc Includes bibliographical references and index.
520 ## - SUMMARY, ETC.
Summary, etc हिंदू सभ्यता प्रख्यात इतिहासकार प्रो. राधाकुमुद मुखर्जी की सर्वमान्य अंग्रेजी पुस्तक हिंदू सविलिजेशन का अनुवाद है। अनुवाद किया है इतिहास और पुरातत्त्व के सुप्रतिष्ठ विद्वान डॉ. वासुदेवशरण अग्रवाल ने । इसलिए अनूदित रूप में भी यह कृति अपने विषय की अत्यंत प्रामाणिक पुस्तकों में सर्वोपरि है।<br/>हिंदू सभ्यता के आदि स्वरूप के बारे में प्रो. मुखर्जी का यह शोधाध्ययन ऐतिहासिक तिथिक्रम से परे प्रागैतिहासिक, ऋग्वैदिक, उत्तरवैदिक और वेदोत्तर काल से लेकर इतिहास के सुनिश्चित तिथिक्रम के पहले दो सौ पचहत्तर वर्षों (ई. पू. 650-325) पर केंद्रित है। इसके लिए उन्होंने ऋग्वेदीय भारतीय मानव के उपलब्ध भौतिक अवशेषों तथा उसके द्वारा प्रयुक्त विभिन्न प्रकार की उत्खनित सामग्री का सप्रमाण उपयोग किया है।<br/>वस्तुतः प्राचीन सभ्यता या इतिहास विषयक प्रामाणिक लेखन उपलब्ध अलिखित साक्ष्यों के बिना संभव ही नहीं है। यह मानते हुए भी कि भारत में साहित्य की रचना लिपि से पहले हुई और वह दीर्घकाल तक कंठ- परंपरा में जीवित रहकर 'श्रुति' कहलाया जाता रहा, उसे भारतीय इतिहास की प्राचीनतम साक्ष्य-सामग्री नहीं माना जा सकता। यों भी यह एक सर्वमान्य तथ्य है कि लिपि, लेखन कला, शिक्षा या साहित्य मानव-जीवन में तभी आ पाए, जबकि सभ्यता ने अनेक शताब्दियों की यात्रा तय कर ली। इसलिए प्रागैतिहासिक युग के औजारों, हथियारों, बर्तनों और आवासगृहों तथा वैदिक और उत्तरवैदिक युग के वास्तु, शिल्प, चित्र, शिलालेख, ताम्रपट्ट और सिक्कों आदि वस्तुओं को ही अकाट्य ऐतिहासिक साक्ष्य के रूप में स्वीकार किया जाता है। कहना न होगा कि भारतीय संस्कृति और सभ्यता के क्षेत्र में अध्ययनरत शोध छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी इस कृति के निष्कर्ष इन्हीं साक्ष्यों पर आधारित हैं। <br/>
546 ## - LANGUAGE NOTE
Language note Hindi.
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term प्राचीन भारतीय सभ्यता.
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term सिंधु घाटी सभ्यता.
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term वैदिक काल.
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term प्रागैतिहासिक भारत.
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term ऋग्वैदिक काल.
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term उत्तर-वैदिक काल.
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
Source of classification or shelving scheme
Koha item type Books
Holdings
Withdrawn status Lost status Damaged status Not for loan Permanent Location Current Location Date acquired Source of acquisition Cost, normal purchase price Full call number Accession Number Cost, replacement price Price effective from Koha item type
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