सामाजिक समरसता/ (Record no. 38832)
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000 -LEADER | |
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fixed length control field | 04171 a2200181 4500 |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
ISBN | 9789350482353 |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | 954.0532 |
Item number | MOD-S |
100 ## - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME | |
Personal name | मोदी, नरेंद्र |
Relator term | Author |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | सामाजिक समरसता/ |
Statement of responsibility, etc | नरेंद्र मोदी |
246 ## - VARYING FORM OF TITLE | |
Title proper/short title | Samajik Samrsata |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) | |
Name of publisher | प्रभात प्रकाशन, |
Year of publication | 2023 |
Place of publication | नई दिल्ली: |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Number of Pages | 248p. |
Accompanying material | 22cm. |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc | अंग्रेजों ने हिंदुत्व को, राष्ट्रीयत्व को क्षीण करने का षड्यंत्र रचा, जिसे डॉ. बाबा साहब अंबेडकरजी ने समझा और समाज में आई बुराईयों को दूर करने का बीड़ा उठाया। वंचित वर्ग में प्रेरणा जगाकर उसमें ऊपर उठने की ललक जगाई। उसी प्रकार गुजरात के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी समाज में व्याप्त दुःख और अभावों को दूर करने का संकल्प लिया। उन्होंने समरस समाज के विचार को प्रतिष्ठित करने का सत्प्रयास किया। समाज के विविध प्रश्नों को देखने का उनका अपना ही दृष्टिकोण है। नरेंद्र मोदी की समाज के प्रति जो संवेदना है, वंचितों के प्रति जो कर्तव्य-भाव है और सामाजिक समरसता के लिए जो प्रतिबद्धता है, वह उनके भाषणों में, उनके लेखों में तथा उनके कार्य में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।<br/><br/>किसी भी राज्य के संपूर्ण विकास का मापन राज्य के वंचितों-पीडि़तों के विकास (कष्ट निवारण) के आधार पर होता है। सच्चा सर्वांगीण विकास वही है, जिसमें अंतिम छोर में निवास करने वाले छोटे-से-छोटे आम आदमी तक विकास का फल पहुँचे। श्री नरेंद्र मोदी के शासन का अधिष्ठान ऐसा ही ‘कल्याणकारी राज्य’ रहा है। उनके जीवन-कार्य का केंद्रबिंदु भी समाज के अंतिम पायदान पर खड़ा सामान्य आदमी ही है।<br/><br/>यह पुस्तक श्री नरेंद्र मोदी के विचारशील व चिंतनपरक लेखों का संकलन है। इसमें आमजन के प्रति उनके ममत्व भाव, सुख-दुःख में सहभागिता तथा विचार-चिंतन की श्रेष्ठता, समाज के प्रति संवेदना एवं सामाजिक समरसता के प्रति वचनबद्धता को साक्षात् अनुभव किया जा सकता है। |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | Social integration |
Form subdivision | Sociology |
General subdivision | Social inclusion |
Geographic subdivision | India |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | समाज सुधारक |
Form subdivision | समाज शास्त्र |
General subdivision | सामाजिक समावेश |
Geographic subdivision | भारत |
700 ## - ADDED ENTRY--PERSONAL NAME | |
Personal name | मकवाना, किशोर |
Relator term | Editor |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Source of classification or shelving scheme | |
Koha item type | Books |
Withdrawn status | Lost status | Damaged status | Not for loan | Collection code | Permanent Location | Current Location | Date acquired | Source of acquisition | Cost, normal purchase price | Full call number | Accession Number | Copy number | Cost, replacement price | Price effective from | Koha item type |
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हिंदी पुस्तकों पर विशेष संग्रह | NASSDOC Library | NASSDOC Library | 2024-03-20 | All India Book House | 216.60 | 954.0532 MOD-S | 54046 | 300.00 | 2024-03-20 | Books |