ग्राम सवराजय (Record no. 38888)
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000 -LEADER | |
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fixed length control field | 03695 a2200157 4500 |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
ISBN | 9789350480212 |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | 307.72 |
Item number | GAN-G |
100 ## - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME | |
Personal name | गाँधी,महात्मा |
Fuller form of name | Mahatma Gandhi |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | ग्राम सवराजय |
246 ## - VARYING FORM OF TITLE | |
Title proper/short title | Gram Swarajya |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) | |
Name of publisher | प्रभात प्रकाशन |
Year of publication | 2023 |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc | ग्राम स्वराज्य—महात्मा गांधी यह सोचना गलत है कि गांधीजी आज के उद्योगीकरण के बारे में बहुत पुराने विचार रखते थे। सच पूछा जाए तो वे उद्योगों के यंत्रीकरण के विरुद्ध नहीं थे। गाँवों के लाखों कारीगरों को काम दे सकनेवाले छोटे यंत्रों में जो भी सुधार किया जाए, उसका वे स्वागत करते थे। गांधीजी बड़े-बड़े कारखानों में विपुल मात्रा में माल पैदा करने के बजाय देश के विशाल जन-समुदायों द्वारा अपने घरों और झोंपड़ों में माल का उत्पादन करने की हिमायत करते थे। वे भारत के प्रत्येक सबल व्यक्ति को पूरा काम देने के बारे में बहुत अधिक चिंतित रहते थे और मानते थे कि यह ध्येय तभी सिद्ध होगा जब गाँवों में सुचारु रूप से ग्रामोद्योगों तथा कुटीर उद्योगों का संगठन और संचालन किया जाएगा। महात्मा गांधी ग्राम-पंचायतों के संगठन द्वारा आर्थिक और राजनीतिक सत्ता के विकेंद्रीकरण का जोरदार समर्थन करते थे। दुर्भाग्य से आर्थिक जीवन के नैतिक और आध्यात्मिक पहलू की हमेशा उपेक्षा की गई है, जिसके फलस्वरूप सच्चे मानव-कल्याण को बड़ी हानि पहुँची है। आधुनिक अर्थशास्त्री अब इस महत्त्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर देने लगे हैं कि यदि हमें विशाल पैमाने पर तीव्र गति से आर्थिक विकास साधना है तो ‘वस्तुओं की गुणवत्ता’ बढ़ाने के साथ ‘मनुष्यता की गुणवत्ता’ भी बढ़ानी चाहिए। अतः वर्तमान परिस्थिति में गांधीजी के ‘ग्राम स्वराज्य’ की अवधारणा के पठन-पाठन की महती आवश्यकता है। |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | Rural development |
Geographic subdivision | India |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | ग्रामीण विकास |
Geographic subdivision | भारत |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Source of classification or shelving scheme | |
Koha item type | Books |
Withdrawn status | Lost status | Damaged status | Not for loan | Permanent Location | Current Location | Date acquired | Source of acquisition | Cost, normal purchase price | Full call number | Accession Number | Cost, replacement price | Price effective from | Koha item type |
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NASSDOC Library | NASSDOC Library | 2024-04-12 | 9 | 144.40 | 307.72 GAN-G | 54014 | 200.00 | 2024-04-12 | Books |