मैं हार गयी (Record no. 39415)
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000 -LEADER | |
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fixed length control field | 02378nam a2200121 4500 |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
ISBN | 9788171197118 |
100 ## - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME | |
Personal name | भंडारी, मन्नू |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | मैं हार गयी |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) | |
Name of publisher | राजकमल प्रकाशन , |
Year of publication | ©2016 |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Number of Pages | 164p. |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc | मैं हार गई इस संग्रह की कहानियाँ मानवीय अनुभूति के धरातल पर रची गई ऐसी रचनाएँ हैं जिनके पात्र वायवीय दुनिया से परे, संवेदनाओं और अनुभव की ठोस तथा प्रामाणिक भूमि पर अपने सपने रचते हैं; और ये सपने परिस्थितियों, परिवेश और अन्याय की परम्पराओं के दबाव के सामने कभी-कभी थकते और निराश होते भले ही दिखते हों, लेकिन टूटते कभी नहीं; पुनः-पुनः जी उठते हैं। इस संग्रह में सम्मिलित कहानियों में कुछ प्रमुख हैं: ईसा के घर इनसान, गीत का चुम्बन, एक कमज़ोर लड़की की कहानी, सयानी बुआ, दो कलाकार और मैं हार गई। ये सभी कहानियाँ मन्नूजी की गहरी मनोवैज्ञानिक पकड़, मध्यवर्गीय विरोधाभासों के तलस्पर्शी अवगाहन, विश्लेषण और समाज की स्थापित आक्रान्ता, नैतिक जड़ताओं के प्रति प्रश्नाकुलता आदि तमाम लेखकीय विशेषताओं का प्रतिनिधित्व करती हैं, जिनके लिए मन्नूजी को हिन्दी की आधुनिक कहानी-धारा में विशिष्ट स्थान प्राप्त है। |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Source of classification or shelving scheme | |
Koha item type | Books |
Withdrawn status | Lost status | Damaged status | Not for loan | Permanent Location | Current Location | Date acquired | Source of acquisition | Cost, normal purchase price | Accession Number | Cost, replacement price | Price effective from | Koha item type |
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NASSDOC Library | NASSDOC Library | 2024-05-21 | 7 | 143.67 | 54624 | 199.00 | 2024-05-21 | Books |