000 -LEADER |
fixed length control field |
04284nam a22002417a 4500 |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER |
ISBN |
9789384155230 |
041 ## - LANGUAGE CODE |
Language code of text/sound track or separate title |
hin |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER |
Classification number |
891.433 |
Item number |
TIW-U |
100 ## - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME |
Personal name |
तिवारी, के. एन. |
Relator term |
लेखक |
245 ## - TITLE STATEMENT |
Title |
उत्तर कबीर नंगा फ़कीर / |
Statement of responsibility, etc |
के. एन. तिवारी |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) |
Place of publication |
नई दिल्ली : |
Name of publisher |
गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति, |
Year of publication |
२०२०. |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION |
Number of Pages |
ix, २२८पृ. |
520 ## - SUMMARY, ETC. |
Summary, etc |
दोनों महात्माओं की वार्त्ताएँ अब "महामानव" से हटकर दुनिया की सत्यता पर आकर टिक गयी थीं। सो गांधी को भी कहना पड़ा। "ज्ञानेश्वर! जिन सन्दर्भों में दुनिया की व्याख्या आप कर रहे हैं, वह शाश्वत् सत्य का एक अलग और यथार्थ रूप है। पर दुनिया में रहने वाले लोग इस दुनिया को केवल झूठ या माया या मोह का प्रतीक समझकर जीवन नहीं जी सकते। 'जीवन' भी तो सत्य का ही एक अटल रूप है। जो शाश्वत और दृढ़ है। यह बिना विश्वास और ईश्वरीय आस्था के निर्बल हो जाता है। इसलिए जो लोग इन दोनों को साथ लेकर जीवन रूपी सत्य को नहीं जीते वे खुद को धोखा देते हैं। मैं तो बस अपने समय के सत्य को जी रहा था। इसके अतिरिक्त कुछ भी नहीं किया था।" मोहनचन्द नाम सुनते ही कबीर सन्न रह गए। उनके आश्चर्य का ठिकाना न रहा। आँखें खुली रह गयीं। सोचने लगे- "क्या ये सचमुच वही गांधी हैं। जिनका नाम मैंने काशी की गलियों से लेकर पूरे भारत में सुना था। या कोई और हैं? सचमुच ! यदि ये वही गांधी हैं तो इन्हें मेरा शत-शत प्रणाम।" कहते हैं कि गांधी का स्मरण होते ही उस समय कबीर के मन में आत्मीयता का ऐसा संचार हुआ कि उनका रोम-रोम पुलक उठा। वे एकटक गांधी को देखते रहे। बहुत देर तक देखते रहने के कारण कबीर को अपने आप पर झल्लाहट भी हुई। सोचने लगे- "मैं क्यों नहीं पहचान पाया इस व्यक्ति को? इस शख्सियत को?" क्यों नहीं दे सका अन्तरात्मा में इस महात्मा को। जिसको पूरा देश "बापू" कहकर पुकारता है उसे अन्तर्मन से तो पहचानना ही चाहिए। |
546 ## - LANGUAGE NOTE |
Language note |
हिंदी |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
कबीर, संत, 1440-1518 |
General subdivision |
दर्शन। |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
गांधी, महात्मा, 1869-1948 |
General subdivision |
दर्शन। |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
भारतीय दर्शन। |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
संत |
General subdivision |
दर्शन |
Geographic subdivision |
भारत। |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
आध्यात्मिक जीवन |
Geographic subdivision |
भारत। |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
सत्य |
General subdivision |
धार्मिक पक्ष। |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
संवाद |
General subdivision |
धार्मिक पक्ष |
Geographic subdivision |
भारत। |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) |
Source of classification or shelving scheme |
|
Koha item type |
Books |