सम्पूर्ण चाणक्य नीति : मूल श्लोक की अर्थ सहित विशेष व्याख्या (चाणक्य नीति एव सूत्र )
Contributor(s): वशिष्ठ, आशीष | Vashisht, Ashish.
Publisher: नई दिल्ली कल्पना प्रकाशन 2018Description: xviii, 200p.ISBN: 9789386630452.Other title: Sampurna chanakya neeti: chanakya neeti avam sutra: mool shloko ki arth sahit vishesh vyakhya.Subject(s): Folklore -- Political Thought -- IndiaDDC classification: 398.9912 Summary: महान तशिक, प्रखर राजनीततज्ञ एवं अथभशास्त्रकार चाणक्य का भारत में तवशेष स्थान एवं प्रततष्ठा है । वे स्वाभाव के स्वातभमानी , सयमी तथा बहुप्रततभा के धनी थे । आचायभ चाणक्य ने अपनी तविुता , बुतद्मता और िमता केबल पर भारतीय इततहास की धारा को बिल दिया । मौयभ समाज के संस्तापक चाणक्य कुसल राजनीततज्ञ , चतुर कूिनीततज्ञ प्रकाड अथभशास्त्रीय केरूप में भी तवश्व तवख्यात हुए । इतनी सताब्िी बीत जाने के बाि आज भी चाणक्य िारा बताये गए तसिांत और नीततया प्रसंगीगक है । तो मात्र इसतलए क्योदक उन्होंने अपने गहन अध्यन सचंतन और जीवनुभवो से अर्जभत अमूल्य ज्ञान को, पूरी तरह तनस्वाथभ होकर मानवीय कल्याण के उिेश्य से अतभव्यक्त दकया। सम्पूणभचाणक्य तनतत आचायभ चाणक्य की नीततयों का अपनाएगा वह जीवन के प्रत्येक िेत्र में सफलता और प्रततष्ठा अर्जभत करेगाItem type | Current location | Collection | Call number | Status | Notes | Date due | Barcode |
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Books | NASSDOC Library | हिंदी पुस्तकों पर विशेष संग्रह | 398.9912 VAS-S (Browse shelf) | Available | हिंदी पुस्तकों पर विशेष संग्रह | 50191 |
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379.0954 AGG-; SL1 Nayieeshiksha neeti | 382.09154 IYA-U Unnat Bharat: viksit rashtra se vishva shakti banne ka blueprint | 398.0954123 BAD-B Bihar ki lok kalaen evam shilp | 398.9912 VAS-S सम्पूर्ण चाणक्य नीति | 413.0954 KUM-I; V 1 भारतीय कोश | 413.0954 KUM-I; V 2 भारतीय कोश | 491.43 RAJ-H Hindi kariyashala: Swaroop aur pravidhi |
महान तशिक, प्रखर राजनीततज्ञ एवं अथभशास्त्रकार चाणक्य का भारत में तवशेष स्थान एवं प्रततष्ठा है । वे स्वाभाव के स्वातभमानी , सयमी तथा बहुप्रततभा के धनी थे । आचायभ चाणक्य ने अपनी तविुता , बुतद्मता और िमता केबल पर भारतीय इततहास की धारा को बिल दिया । मौयभ समाज के संस्तापक चाणक्य कुसल राजनीततज्ञ , चतुर कूिनीततज्ञ प्रकाड अथभशास्त्रीय केरूप में भी तवश्व तवख्यात हुए । इतनी सताब्िी बीत जाने के बाि आज भी चाणक्य िारा बताये गए तसिांत और नीततया प्रसंगीगक है । तो मात्र इसतलए क्योदक उन्होंने अपने गहन अध्यन सचंतन और जीवनुभवो से अर्जभत अमूल्य ज्ञान को, पूरी तरह तनस्वाथभ होकर मानवीय कल्याण के उिेश्य से अतभव्यक्त दकया। सम्पूणभचाणक्य तनतत आचायभ चाणक्य की नीततयों का अपनाएगा वह जीवन के प्रत्येक िेत्र में सफलता और प्रततष्ठा अर्जभत करेगा
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