नारी देह के विरुद्ध हिंसा
By: चौधरी, नेहा Choudhary, Neha.
Publisher: New Delhi Sage bhasha 2020Description: xvii, 233p.ISBN: 9789353287368.Other title: Naari deh ke virudh hinsa.Subject(s): Volienance--Women -- Humiliation -- Body -- Human Right -- Cyber Abused -- IndiaDDC classification: 362.880820973 Summary: नारी” ईश्वर की अत्यन्त सुन्दर कृति है परन्तु नारी का देह ही उसके प्रति हिंसा का प्रमुख कारण बन गई। पुरुष-प्रधान मानसिकता वाले समाज में नारी देह, यौन अधिकारों एवं चयन संबंधी विषयों पर आज भी खुल कर विमर्श करने से परहेज़ किया जाता है। दहेज, भ्रूण हत्या, ऑनर किलिंग, बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों के प्रति मौन महिला सशक्तिकरण को निरंतर झुठला रहा है। वहीं डेट रेप, वैवाहिक बलात्कार, प्रजनन दबाव इत्यादि के प्रति महिलाओं की अनभिज्ञता अत्यंत चिंतनीय है। प्रस्तुत पुस्तक नारी देह के विरुद्ध हिंसा ऐसी ही कुछ ज्वलंत और उभरती हुई चुनौतियों को समाज के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास है। यह पुस्तक महिलाओं के खिलाफ हिंसा के विभिन्न महत्वपूर्ण और समकालीन मुद्दों जैसे कि वेश्यावृत्ति, एसिड हमले, ईव टीज़िंग, सरोगेसी, प्रजनन स्वास्थ्य अधिकार इत्यादि पर केंद्रित है। प्रस्तुत पुस्तक महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के विभिन्न दृष्टिकोणों का अध्ययन करती है जो आज की दुनिया में प्रासंगिक और विमर्श योग्य हैंItem type | Current location | Collection | Call number | Status | Notes | Date due | Barcode |
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NASSDOC Library | हिंदी पुस्तकों पर विशेष संग्रह | 362.880820973 CHO-N (Browse shelf) | Available | हिंदी पुस्तकों पर विशेष संग्रह | 50959 |
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362.82920954 BHA भारत में घरेलू हिंसा | 362.830902 SHE-H Hindi ke madhyakaleen mahakavon mein shtri dristhi | 362.880820954 ADI Adivasi mahilaon ke virudh aparadh | 362.880820973 CHO-N नारी देह के विरुद्ध हिंसा | 363.220954 RAY-T Thana prabandhan: thane par nav niyukti ke samay kiye jaane wale kaarye | 363.7 SRI-V Vaishvik prakratik paryavaran | 363.700954 DOD-P पर्यावरण |
नारी” ईश्वर की अत्यन्त सुन्दर कृति है परन्तु नारी का देह ही उसके प्रति हिंसा का प्रमुख कारण बन गई। पुरुष-प्रधान मानसिकता वाले समाज में नारी देह, यौन अधिकारों एवं चयन संबंधी विषयों पर आज भी खुल कर विमर्श करने से परहेज़ किया जाता है। दहेज, भ्रूण हत्या, ऑनर किलिंग, बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों के प्रति मौन महिला सशक्तिकरण को निरंतर झुठला रहा है। वहीं डेट रेप, वैवाहिक बलात्कार, प्रजनन दबाव इत्यादि के प्रति महिलाओं की अनभिज्ञता अत्यंत चिंतनीय है। प्रस्तुत पुस्तक नारी देह के विरुद्ध हिंसा ऐसी ही कुछ ज्वलंत और उभरती हुई चुनौतियों को समाज के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास है। यह पुस्तक महिलाओं के खिलाफ हिंसा के विभिन्न महत्वपूर्ण और समकालीन मुद्दों जैसे कि वेश्यावृत्ति, एसिड हमले, ईव टीज़िंग, सरोगेसी, प्रजनन स्वास्थ्य अधिकार इत्यादि पर केंद्रित है। प्रस्तुत पुस्तक महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के विभिन्न दृष्टिकोणों का अध्ययन करती है जो आज की दुनिया में प्रासंगिक और विमर्श योग्य हैं
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