एक गोंड गाँव में जीवन / वेरियर एलविन
By: एलविन, वेरियर [Alvin, Warrior] [लेखक[author]].
Publisher: दिल्ली : राजकमल प्रकाशन, 2020Description: 136p.ISBN: 9788126712960 .Other title: Ek Gond gaon mein jeevan.Subject(s): मिशनों | भारत -- मध्य प्रांत | भारत -- करंजा | गोंड (इंडिक लोग)DDC classification: 305.89482 Summary: वेरियर एलविन एक युवा अंग्रेज थे जो मिशनरी बनकर भारत आए और बाद में भारत के एक महत्त्वपूर्ण मानव-विज्ञानी बने । गांधी जी की प्रेरणा और जमनालाल बजाज के मार्गदर्शन में वेरियर एलविन ने मैकाल पहाड़ी पर बसे एक गोंड गाँव करंजिया में बसने का निर्णय लिया और उस क्षेत्र के लोगों के कल्याण के लिए ख़ुद को समर्पित कर दिया। 'एक गोंड गाँव में जीवन' उनके करंजिया में बिताए 1932 से 1936 तक के जीवन का रोजनामचा है जहाँ वे गोंड लोगों की तरह ही स्वयं और कुछ मित्रों की सहायता से बनाई गई एक झोपड़ी में रहते थे। यह जीवन्त, मर्मस्पर्शी और उपख्यानात्मक पुस्तक है जिसमें एलविन ने निरीक्षण की अपनी मानव-विज्ञानी क्षमता और स्वाभाविक विनोदप्रियता के संयोग से गोंड जीवन की बहुरंगी छवि और आश्रम, जिसमें हिन्दू मुसलमान, ईसाई, गोंड आदि सभी शामिल हैं, की आन्तरिक उपलब्धि का उत्कृष्ट वर्णन किया है ।Item type | Current location | Call number | Status | Date due | Barcode |
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NASSDOC Library | 305.89482 ALV-E (Browse shelf) | Available | 53431 |
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305.8924095694 OOM-E Ethnicity, marginality and identity the Jews of Cochin in Israel | 305.8924095694 OOM-E Ethnicity, marginality and identity the Jews of Cochin in Israel | 305.8943230516 ZAN-I Islam, family life, and gender inequality in urban China / | 305.89482 ALV-E एक गोंड गाँव में जीवन / | 305.895 SIN-E Ethnicity and inter-community conflicts: a case of kuki-naga in Manipur | 305.895 SOU- Southeast Asian identities: Culture and the politics of representation in Indonesia, Malaysia, Singapore, and Thailand | 305.8951059 MAH-A ASEAN Miracle |
Includes bibliographical references and index.
वेरियर एलविन एक युवा अंग्रेज थे जो मिशनरी बनकर भारत आए और बाद में भारत के एक महत्त्वपूर्ण मानव-विज्ञानी बने । गांधी जी की प्रेरणा और जमनालाल बजाज के मार्गदर्शन में वेरियर एलविन ने मैकाल पहाड़ी पर बसे एक गोंड गाँव करंजिया में बसने का निर्णय लिया और उस क्षेत्र के लोगों के कल्याण के लिए ख़ुद को समर्पित कर दिया। 'एक गोंड गाँव में जीवन' उनके करंजिया में बिताए 1932 से 1936 तक के जीवन का रोजनामचा है जहाँ वे गोंड लोगों की तरह ही स्वयं और कुछ मित्रों की सहायता से बनाई गई एक झोपड़ी में रहते थे। यह जीवन्त, मर्मस्पर्शी और उपख्यानात्मक पुस्तक है जिसमें एलविन ने निरीक्षण की अपनी मानव-विज्ञानी क्षमता और स्वाभाविक विनोदप्रियता के संयोग से गोंड जीवन की बहुरंगी छवि और आश्रम, जिसमें हिन्दू मुसलमान, ईसाई, गोंड आदि सभी शामिल हैं, की आन्तरिक उपलब्धि का उत्कृष्ट वर्णन किया है ।
Hindi.
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