महाभारतकालीन समाज / सुखमय भट्टाचार्य
By: भट्टाचार्य, सुखमय Bhattacharya, Sukhmay [लेखक., author.].
Publisher: प्रयागराज : लोकभारती प्रकाशन, 2010Description: 641p.ISBN: 9788180315633.Other title: Mahabharatkaaleen Samaj.Subject(s): महाभारतकालीन समाजDDC classification: 930.10285 Summary: महाभारत भारतीय चिन्तन का विशाल विश्वकोश है। पंडितों में यह भी जल्पना कल्पना चलती रहती है कि इसका कौन-सा अंश पुराना है, कौन-सा अपेक्षाकृत नवीन । कई प्रकार की समाज व्यवस्था का पाया जाना विभिन्न कालों में लिखे गये अंशों के कारण भी हो सकता है। फिर इस ग्रंथ में अनेक श्रेणी के लोगों के आचार-विचार की चर्चा है। सब प्रकार की बातों की संगति बैठना काफी कठिन हो जाता है। इस ग्रंथ का हिन्दी में अनुवाद करके श्रीमती पुष्पा जैन ने उत्तम कार्य किया है। इस अनुवाद के लिये वे सभी सहृदय पाठकों की बधाई की अधिकारिणी हैं।Item type | Current location | Call number | Status | Date due | Barcode |
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NASSDOC Library | 930.10285 BHA-M (Browse shelf) | Available | 53409 |
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929.40019 HIM-P The power of names : | 929.920954 VIR-N National flag for India: rituals, nationalism and the politics of sentiment | 930.09542 MAN-A Ayodhya: archaeology after excavation | 930.10285 BHA-M महाभारतकालीन समाज / | 930.1072223 PER-A Archaeological Research : | 930.10954 REA- Reason and archaeology | 934 HAB-P प्रागैतिहास / |
महाभारत भारतीय चिन्तन का विशाल विश्वकोश है। पंडितों में यह भी जल्पना कल्पना चलती रहती है कि इसका कौन-सा अंश पुराना है, कौन-सा अपेक्षाकृत नवीन । कई प्रकार की समाज व्यवस्था का पाया जाना विभिन्न कालों में लिखे गये अंशों के कारण भी हो सकता है। फिर इस ग्रंथ में अनेक श्रेणी के लोगों के आचार-विचार की चर्चा है। सब प्रकार की बातों की संगति बैठना काफी कठिन हो जाता है। इस ग्रंथ का हिन्दी में अनुवाद करके श्रीमती पुष्पा जैन ने उत्तम कार्य किया है। इस अनुवाद के लिये वे सभी सहृदय पाठकों की बधाई की अधिकारिणी हैं।
Hindi.
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