मुरिया और उनका घोटूल / वेरियर एलविन
By: एलविन, वेरियर Elvin, Verrier [लेखक., author.].
Publisher: दिल्ली : राजकमल प्रकाशन, 2022Description: 347p. (Part-1); 539p. (part -2).ISBN: 9788126712977.Other title: Muriya aur Unka Ghotul.Subject(s): मुरिया (इंडिक लोग) -- सामाजिक जीवन और रीति-रिवाज | आदिम समाज | युवा वयस्कों | भारत -- बस्तर (जिला) | शयनगृहDDC classification: 305.8009543 Summary: मुरिया और उनका घोटुल-1 के इस भाग में बस्तर के मुरिया आदिवासियों के जीवन से जुड़े उन सभी आयामों को रेखांकित किया गया है। जिनसे अभी तक हम अनभिज्ञ थे। यहाँ घोटुल है जिसका उद्गम स्रोत है लिंगो पेन देवता । यह गाँव के बच्चों और युवाओं का निवास स्थान है। कबीले के हर अविवाहित लड़के और लड़की को इसका सदस्य बनना पड़ता है। घोटुल की सदस्यता मात्र मन बहलाव का साधन नहीं है बल्कि धार्मिक आस्थाओं से जुड़ी एक सामाजिक परम्परा है। इस परम्परा को कड़े नियमों द्वारा नियंत्रित किया जाता है। यहाँ लड़कों को चेलिक और लड़कियों को मुटियारी कहा जाता है। लड़कों का नेता सरदार है तो लड़कियों की नेता बैलोसा है। मुरिया जीवन के आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक पहलुओं का वर्णन करता हुआ घोटुल सिर्फ एक रात्रि क्लब है; दिन में इसके सदस्यों को खाने की व्यवस्था, खेती, शिकार, मछली पकड़ना, शहद एकत्रित करना व सागो ताड़ का रस तथा ईंधन जुटाने में व्यस्त कर दिया जाता है। मुरिया जीवन को खोलती इस पुस्तक में मुरिया समुदाय के जीवन के हर पहलू, उनकी आजीविका, कबीले का संगठन, बचपन, युवावस्था, धर्म और उनके देवताओं का वर्णन विस्तार से प्रामाणिक ढंग से किया गया है। Summary: मुरिया और उनका घोटुल-2 में मुरिया तथा घोटुल की सभी परम्पराओं को क्रमवार रूप से सँजोया गया है। घोटुल में एक सरल, कामुकता से पूर्ण और गहरी भावना से ओत- प्रोत यौन जीवन है जिसका संचालन चेलिक और मुटियारी मिलकर करते हैं। पुस्तक हमें घोटुल का प्रारम्भ कैसे हुआ, इसके भवन किस तरह के थे, इसकी सदस्यता और नियम, श्रृंगार और वस्तुएँ, अनुशासन, सेक्स, नृत्य और गीत, मनोरंजन, विवाह, नैतिक मानदंड आदि सभी पहलुओं के विषय में तथ्यात्मक जानकारी देती है। पुस्तक में घोटुल संस्कृति के अतिरिक्त मुरिया संस्कृति के अन्य पहलुओं पर भी प्रकाश डाला गया है। सेक्स के प्रति मुरिया दृष्टिकोण तथा विवाह से पूर्व बहुत-से साथियों के साथ यौन-सम्बन्ध बनाने की समस्या का हल ढूँढ़ने की भी कोशिश की गई है। मुरिया जीवन के अनेक उतार-चढ़ावों के साथ-साथ यहाँ हास-परिहास और लोककथाओं के जरिए घोटुल के प्रति वफादार मुरिया की उत्सुकता की भी झलक दिखाई देती है। वेरियर एलविन की अंग्रेजी पुस्तक से अनूदित यह पुस्तक मुरिया समुदाय के जीवन को जीवन्त, तर्कसंगत, माननीय और आकर्षक रूप में देखने का सुन्दर प्रयास है।Item type | Current location | Call number | Status | Date due | Barcode |
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NASSDOC Library | 305.8009543 ELV-M (Browse shelf) | Available | 53643 | |
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NASSDOC Library | 305.8009543 ELV-M (Browse shelf) | Available | 53429 |
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305.8009542 DHA-; Kumaoni character: a study of an Indian Socio-cultural group | 305.8009542 POK-; Kumaun ke sthan-naam: samaj-bhashik adhyayan | 305.8009543 ELV-M मुरिया और उनका घोटूल / | 305.8009543 ELV-M मुरिया और उनका घोटूल / | 305.8009543 GRI-M मध्य प्रांत और बरार में आदिवासी समस्याएं / | 305.8009543 SHR-D Development of scheduled tribes in Madhya Pradesh | 305.8009544 DOS-; Processes of tribal unification and integration: a case study of the Bhils |
book in 2 part
Includes bibliographical references and index.
मुरिया और उनका घोटुल-1 के इस भाग में बस्तर के मुरिया आदिवासियों के जीवन से जुड़े उन सभी आयामों को रेखांकित किया गया है। जिनसे अभी तक हम अनभिज्ञ थे। यहाँ घोटुल है जिसका उद्गम स्रोत है लिंगो पेन देवता । यह गाँव के बच्चों और युवाओं का निवास स्थान है। कबीले के हर अविवाहित लड़के और लड़की को इसका सदस्य बनना पड़ता है। घोटुल की सदस्यता मात्र मन बहलाव का साधन नहीं है बल्कि धार्मिक आस्थाओं से जुड़ी एक सामाजिक परम्परा है। इस परम्परा को कड़े नियमों द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
यहाँ लड़कों को चेलिक और लड़कियों को मुटियारी कहा जाता है। लड़कों का नेता सरदार है तो लड़कियों की नेता बैलोसा है। मुरिया जीवन के आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक पहलुओं का वर्णन करता हुआ घोटुल सिर्फ एक रात्रि क्लब है; दिन में इसके सदस्यों को खाने की व्यवस्था, खेती, शिकार, मछली पकड़ना, शहद एकत्रित करना व सागो ताड़ का रस तथा ईंधन जुटाने में व्यस्त कर दिया जाता है।
मुरिया जीवन को खोलती इस पुस्तक में मुरिया समुदाय के जीवन के हर पहलू, उनकी आजीविका, कबीले का संगठन, बचपन, युवावस्था, धर्म और उनके देवताओं का वर्णन विस्तार से प्रामाणिक ढंग से किया गया है।
मुरिया और उनका घोटुल-2 में मुरिया तथा घोटुल की सभी परम्पराओं को क्रमवार रूप से सँजोया गया है। घोटुल में एक सरल, कामुकता से पूर्ण और गहरी भावना से ओत- प्रोत यौन जीवन है जिसका संचालन चेलिक और मुटियारी मिलकर करते हैं। पुस्तक हमें घोटुल का प्रारम्भ कैसे हुआ, इसके भवन किस तरह के थे, इसकी सदस्यता और नियम, श्रृंगार और वस्तुएँ, अनुशासन, सेक्स, नृत्य और गीत, मनोरंजन, विवाह, नैतिक मानदंड आदि सभी पहलुओं के विषय में तथ्यात्मक जानकारी देती है।
पुस्तक में घोटुल संस्कृति के अतिरिक्त मुरिया संस्कृति के अन्य पहलुओं पर भी प्रकाश डाला गया है। सेक्स के प्रति मुरिया दृष्टिकोण तथा विवाह से पूर्व बहुत-से साथियों के साथ यौन-सम्बन्ध बनाने की समस्या का हल ढूँढ़ने की भी कोशिश की गई है। मुरिया जीवन के अनेक उतार-चढ़ावों के साथ-साथ यहाँ हास-परिहास और लोककथाओं के जरिए घोटुल के प्रति वफादार मुरिया की उत्सुकता की भी झलक दिखाई देती है।
वेरियर एलविन की अंग्रेजी पुस्तक से अनूदित यह पुस्तक मुरिया समुदाय के जीवन को जीवन्त, तर्कसंगत, माननीय और आकर्षक रूप में देखने का सुन्दर प्रयास है।
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