यादों से रचा गाँव / एम. एन. श्रीनिवास
By: श्रीनिवास, एम. एन. Srinivas, M. N [लेखक., author.].
Publisher: दिल्ली : राजकमल प्रकाशन, 2004Description: 206p.ISBN: 8126701072.Other title: Yaadon se Racha Gaon.Subject(s): ग्रामीण समुदाय -- भारत -- सामाजिक पहलू | स्मृति -- मनोवैज्ञानिक पहलू | सामाजिक पुनर्निर्माण | दक्षिण भारत -- ग्रामीण क्षेत्रDDC classification: 306.0973 Summary: यादों से रचा गाँव अतीत के दुर्घटनाग्रस्त ब्यौरों को सामने लाने के रचनात्मक संकल्प का परिणाम है। एक हादसे में सारे कागजात जलकर राख हो जाने के बाद एम.एन. श्रीनिवास ने इस पुस्तक में पूरी तरह अपनी यादों के सहारे अपने क्षेत्रकार्य के अनुभवों की पुनर्रचना की है। प्रस्तुत पुस्तक में यूँ तो दक्षिण भारत के एक बहुजातीय ग्राम का नृतत्त्वशास्त्रीय अध्ययन दिया गया है, लेकिन एक बदलते ग्राम का प्रौद्योगिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और अंतर्जातीय संबंधों का जिस प्रकार विवेचन किया गया है वह पूरे भारत के गाँवों की स्थिति को दर्शाता है। यादों से रचा गाँव में स्त्री-पुरुष संबंधों, धर्म, परिवार, और कृषि से संबंधित मामलों का भी व्यापक विश्लेषण है । वस्तुतः प्रस्तुत पुस्तक एक ऐसी कृति है जिसे मूल आँकड़ों के समुद्र में गोता लगाकर गाँव की अपनी शब्दावली में रचा गया है। श्रीनिवास ने इस पुस्तक में बहुजातीय भारतीय समुदाय के क्षेत्र - अध्ययन का जिस ढंग से वैज्ञानिक विश्लेषण किया है वह न केवल मानवशास्त्रियों, बल्कि दूसरे सामान्य पाठकों के लिए भी उपयोगी है। इस कृति का प्रमुख आकर्षण इसकी रचनात्मक शैली है।Item type | Current location | Call number | Status | Date due | Barcode |
---|---|---|---|---|---|
![]() |
NASSDOC Library | 306.0973 SRI-Y (Browse shelf) | Available | 53438 |
Includes bibliographical references and index.
यादों से रचा गाँव अतीत के दुर्घटनाग्रस्त ब्यौरों को सामने लाने के रचनात्मक संकल्प का परिणाम है। एक हादसे में सारे कागजात जलकर राख हो जाने के बाद एम.एन. श्रीनिवास ने इस पुस्तक में पूरी तरह अपनी यादों के सहारे अपने क्षेत्रकार्य के अनुभवों की पुनर्रचना की है। प्रस्तुत पुस्तक में यूँ तो दक्षिण भारत के एक बहुजातीय ग्राम का नृतत्त्वशास्त्रीय अध्ययन दिया गया है, लेकिन एक बदलते ग्राम का प्रौद्योगिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और अंतर्जातीय संबंधों का जिस प्रकार विवेचन किया गया है वह पूरे भारत के गाँवों की स्थिति को दर्शाता है। यादों से रचा गाँव में स्त्री-पुरुष संबंधों, धर्म, परिवार, और कृषि से संबंधित मामलों का भी व्यापक विश्लेषण है । वस्तुतः प्रस्तुत पुस्तक एक ऐसी कृति है जिसे मूल आँकड़ों के समुद्र में गोता लगाकर गाँव की अपनी शब्दावली में रचा गया है। श्रीनिवास ने इस पुस्तक में बहुजातीय भारतीय समुदाय के क्षेत्र - अध्ययन का जिस ढंग से वैज्ञानिक विश्लेषण किया है वह न केवल मानवशास्त्रियों, बल्कि दूसरे सामान्य पाठकों के लिए भी उपयोगी है। इस कृति का प्रमुख आकर्षण इसकी रचनात्मक शैली है।
Hindi.
There are no comments for this item.