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समाजशास्त्र परिचय/ बी.के. नगला; शिव बहाल सिंह

By: नगला,बी.के. B.K. Nagla.
Contributor(s): शिव बहाल सिंह [लेखक].
Publisher: जयपुर: रावत, 2020Description: xix,215p. Include References and Glossary.ISBN: 9788131611616 .Other title: Samaajashaastr Parichay.Subject(s): सामाजिक विज्ञान -- राजनीतिक समाजशास्त्र | प्रतिस्पर्द्धा संबंध | सामाजिक संरचनाDDC classification: 300 Summary: समाजशास्त्र सामाजिक विज्ञान विषयों में से एक है। समाजशास्त्र को हमारे जीवन के हर पहलू पर लागू किया जा सकता है। यह समूहों, संस्थानों और समाजों का अध्ययन है। समाजशास्त्र मानव व्यवहार का एक अलग और अत्यधिक ज्ञानवर्धक परिप्रेक्ष्य प्रदान करता है। समाजशास्त्र सामाजिक सम्बन्धों का नियामक रूप में और प्रयोगात्मक स्तरों पर अध्ययन करता है। निरंतरता और परिवर्तन का विश्लेषण और व्याख्या भी समाजशास्त्र द्वारा की जाती है। यही समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य का सार है। एक परिचयात्मक समाजशास्त्र पाठ्यक्रम से छात्र कितना प्राप्त करता है, यह निश्चित रूप से उसकी जिज्ञासा, सतर्कता और प्रयास पर निर्भर करता है। समाजशास्त्रीय ज्ञान का भण्डार जिसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से उत्पन्न किया है, और जिसमें पहले से कहीं अधिक तेजी से परिवर्धन किया जा रहा है, उसमें जानकारी के साथ-साथ समझ भी शामिल है जो कि छात्रों के लिए नई है। यह व्यवस्थित परिचयात्मक समाजशास्त्रा पाठ्यपुस्तक स्कूल से कॉलेज और विश्वविद्यालय तक सभी स्तरों पर समाजशास्त्रा के छात्रों के लिए उपयोगी होगी। कानून, चिकित्सा, नर्सिंग, इंजीनियरिंग, वास्तुकला, पत्रकारिता, प्रबंधन, शिक्षा, सामाजिक कार्य, धर्म, व्यावसायिक पुनर्वास आदि विभिन्न पाठ्यक्रमों में समाजशास्त्र पढ़ने वाले छात्रों के लिए यह पुस्तक अत्यंत उपयोगी होगी।
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हिंदी पुस्तकों पर विशेष संग्रह 300 NAG-S (Browse shelf) Available 54157

समाजशास्त्र सामाजिक विज्ञान विषयों में से एक है। समाजशास्त्र को हमारे जीवन के हर पहलू पर लागू किया जा सकता है। यह समूहों, संस्थानों और समाजों का अध्ययन है। समाजशास्त्र मानव व्यवहार का एक अलग और अत्यधिक ज्ञानवर्धक परिप्रेक्ष्य प्रदान करता है। समाजशास्त्र सामाजिक सम्बन्धों का नियामक रूप में और प्रयोगात्मक स्तरों पर अध्ययन करता है। निरंतरता और परिवर्तन का विश्लेषण और व्याख्या भी समाजशास्त्र द्वारा की जाती है। यही समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य का सार है।
एक परिचयात्मक समाजशास्त्र पाठ्यक्रम से छात्र कितना प्राप्त करता है, यह निश्चित रूप से उसकी जिज्ञासा, सतर्कता और प्रयास पर निर्भर करता है। समाजशास्त्रीय ज्ञान का भण्डार जिसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से उत्पन्न किया है, और जिसमें पहले से कहीं अधिक तेजी से परिवर्धन किया जा रहा है, उसमें जानकारी के साथ-साथ समझ भी शामिल है जो कि छात्रों के लिए नई है। यह व्यवस्थित परिचयात्मक समाजशास्त्रा पाठ्यपुस्तक स्कूल से कॉलेज और विश्वविद्यालय तक सभी स्तरों पर समाजशास्त्रा के छात्रों के लिए उपयोगी होगी। कानून, चिकित्सा, नर्सिंग, इंजीनियरिंग, वास्तुकला, पत्रकारिता, प्रबंधन, शिक्षा, सामाजिक कार्य, धर्म, व्यावसायिक पुनर्वास आदि विभिन्न पाठ्यक्रमों में समाजशास्त्र पढ़ने वाले छात्रों के लिए यह पुस्तक अत्यंत उपयोगी होगी।

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