रिश्तों की सर्विसिंग (कहानी संग्रह) / विश्वास जयदेव ठाकुर लेखक
By: ठाकुर, विश्वास जयदेव Thakur, Vishwas Jaydev [लेखक].
Contributor(s): कोरे, सुलभा [अनु.].
Publisher: अंतिका प्रकाशन प्र. लि. 2024Description: 136p. paperback.ISBN: 9788196779368.Other title: Rishton ki Servicing.Subject(s): Short Stories -- Hindi--stories -- Collection--stories--HindiDDC classification: 891.433 Summary: collection of hindi Stories बैंकिंग जैसे क्षेत्र से जुड़ी इन कहानियों के वाकयात दिलचस्प तो हैं ही; बैंकिंग जैसे लेनदेन करने वाले क्षेत्र में सामाजिक सरोकार कितना आवश्यक है, इस बारे में भी बताते हैं। कुल मिलाकर एक अलग पृष्ठभूमि का कैनवास लेकर लेखक विश्वास ठाकुर आपके सामने व्यक्तियों, व्यक्तित्वों के चरित्रों को अलग-अलग रंगों में उतारते जाते हैं और पाठक उन चरित्रों को पढऩे में मगन हो जाता है। इन कहानियों, वाकयातों ने मुझे भी इनमें निहित अलग-अलग पृष्ठभूमि, परिवेश तथा इंसानियत के हरदम लहराते तार के जरिए आकृष्ट किया और यही वजह है कि मैंने इन कहानियों को अधिक बड़े परिवेश में उतारने हेतु इनका हिंदी में अनुवाद करना जरूरी समझा। —सुलभा कोरेItem type | Current location | Call number | Status | Date due | Barcode |
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891.433 SHI-C चल खुसरो घर आपने / | 891.433 SHI-K कालिंदी / | 891.433 SIN-P पन्नों पर कुछ दिन / | 891.433 THA-R रिश्तों की सर्विसिंग (कहानी संग्रह) / | 891.433 TIW-U उत्तर कबीर नंगा फ़कीर / | 891.433 VIC- विचार का आइना : | 891.433 VIC- विचार का आइना: |
collection of hindi Stories बैंकिंग जैसे क्षेत्र से जुड़ी इन कहानियों के वाकयात दिलचस्प तो हैं ही; बैंकिंग जैसे लेनदेन करने वाले क्षेत्र में सामाजिक सरोकार कितना आवश्यक है, इस बारे में भी बताते हैं। कुल मिलाकर एक अलग पृष्ठभूमि का कैनवास लेकर लेखक विश्वास ठाकुर आपके सामने व्यक्तियों, व्यक्तित्वों के चरित्रों को अलग-अलग रंगों में उतारते जाते हैं और पाठक उन चरित्रों को पढऩे में मगन हो जाता है। इन कहानियों, वाकयातों ने मुझे भी इनमें निहित अलग-अलग पृष्ठभूमि, परिवेश तथा इंसानियत के हरदम लहराते तार के जरिए आकृष्ट किया और यही वजह है कि मैंने इन कहानियों को अधिक बड़े परिवेश में उतारने हेतु इनका हिंदी में अनुवाद करना जरूरी समझा। —सुलभा कोरे
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