खोसला, माधव

भारत का संविधान Bharat ka sanvidhan edited by:प्रांशु प्रकाश (अनुवादक) मृणाल चन्द्र (अनुवादक) - नई दिल्ली ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस 2018 - xxii, 172p. - ऑक्सफ़ोर्ड भारत संक्षिप्त परिचय .

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राष्ट्र-राज्य के काल में नागरिकता से जुड़े आयामों पर एक ठोस समझ की ज़रूरत हर नागरिक के लिए आवश्यक है। ऑक्सफ़ोर्ड इंडिया की ये नवीन प्रस्तुति इस विषय पर हिन्दी भाषा में एक अदद पुस्तक की कमी को दूर करती है। लेख़क माधव खोसला की विवेचनात्मक दृष्टि ने संविधान के मूल स्तंभों की बनावट को समझाने में अहम् भूमिका निभाती है। क़ानूनी शब्दावली तथा नियमों के ताने-बाने से बुना संविधान आम जन की समझ के लिए दुर्लभ साबित होता है। ये पुस्तक इस उलझन से निजात दिलाती है। कई उदाहरणों के द्वारा ये संविधान के प्रति हमारी सैद्धांतिक तथा व्यवहारिक समझ को पुख्ता बनाती है। इस के पठन से हम एक नागरिक के तौर पर अपने अधिकारों तथा कर्तव्यों के प्रति समझ बनाने में सफ़ल होते हैं। इस पुस्तक से साक्षात्कार हमें भारतीय राष्ट्र के वृहद् ख़ाका तथा आयामों की सरस यात्रा पर ले जाता है।

9780199485192


Constitution--India--Constitutional law

342.54 / KHO-B