ग्रिग्सन, डब्ल्यू. वी.

मध्य प्रांत और बरार में आदिवासी समस्याएं / Madhya Pradesh aur Bihar mein Adivasi Samasyaen डब्ल्यू. वी. ग्रिग्सन - दिल्ली : राजकमल प्रकाशन, 2018. - 576p.

Includes bibliographical references and index.

जनजातीय समाज की अवहेलना सदियों से की जाती रही है और मौजूदा समय में भी बरकरार है, जिनकी अनगिनत समस्याओं को दरकिनार कर उनकी जमीनों के मालिकाना हकों को उनसे सरकारी या गैर-सरकारी तरीकों से हड़पा जाता रहा है। उनकी कठिनाइयों और समस्याओं का सूक्ष्म दृष्टि से आंकलन करता यह दस्तावेज हमारे सम्मुख उस जीवन-दृश्य को प्रस्तुत करता है, जो नारकीय है।
प्रस्तुत पुस्तक मध्य प्रान्त और बरार में रहनेवाले जनजातीय समाज की विषम समस्याओं से हमें अवगत कराती है कि कैसे समय-समय पर उनकी जमीनों, परम्पराओं, भाषाओं से अलग-थलग करके उन्हें 'निम्न' जाँचा गया है और कैसे उन्हें साहूकारी के पंजों में फँसाकर बँधुआ मजदूरी के लिए बाध्य किया गया है।

यहाँ उनकी समस्याओं का एक गम्भीर विश्लेषण है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पशु-चिकित्सा आदि के नाम पर उन पर जबरन एक 'सिस्टम' थोपा गया जिससे उनकी समस्याएँ कम होने की बजाय और बढ़ी हैं।
डब्ल्यू.वी. ग्रिग्सन की अंग्रेजी पुस्तक से अनूदित यह पुस्तक जहाँ एक तरफ जनजातीय समस्याओं पर केन्द्रित हिन्दी पुस्तकों के अभाव को दूर करती है, वहीं दूसरी ओर शोधकर्ताओं और समाज के उत्थान में जुटे कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन भी करती है।


Hindi.

9788126715190


स्वदेशी लोग.
भारत --मध्य प्रदेश.
मानव जाति विज्ञान.
सामाजिक स्थिति.
भारत--मध्य प्रांत.

305.8009543 / GRI-M