दलित सशक्तिकरण: सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण/
Contributor(s): संभरवाल, निधि सदन [संपादक] | थोरात,सुखदेव [संपादक].
Publisher: जयपुर: रावत प्रकाशन, 2023Description: xviii, 298p.ISBN: 9788131613030.Other title: Dalit Empowerment.Subject(s): दलित सशक्तिकरण -- भारतीय समाज -- स्वदेशी समूहों -- भारत | सामाजिक बहिष्करण -- राजनीतिक -- अधिकारोंDDC classification: 305.5688 Summary: दलित सशक्तिकरण चार परस्पर संबंधित मुद्दों को संबोधित करती है। यह भारतीय समाज में बहिष्कृत और स्वदेशी समूहों के बहिष्करण संबंधी पृथक्करण की अवधारणा का निर्माण करती है। प्रस्तुत पुस्तक सामाजिक बहिष्करण की संकल्पना और अर्थ को सामान्य रूप में तथा जाति, अस्पृश्यता और नस्ल-आधारित बहिष्कार की अवधारणा और अर्थ को विशेष सन्दर्भ में विस्तारपूर्वक प्रस्तुत करती है। यह दलितों और आदिवासियों के वंचित समूहों की स्थिति के प्रस्तुतिकरण के साथ ही मानव विकास के उपार्जन के क्रम में अंतर-सामाजिक समूह की असमानताओं को भी निरूपित करती है। तत्पश्चात इस पुस्तक में संसाधनों, रोजगार, शिक्षा और सामाजिक आवश्यकताओं तक न्यून पहुंच के संदर्भ में इन वंचित समूहों की उच्च अभावग्रस्तता से संबंधित कारकों का विश्लेषण किया गया है। अंततः, यह पुस्तक आर्थिक, नागरिक और राजनीतिक क्षेत्रों में भेदभाव की भूमिका पर समूह की इन असमानताओं की जड़ता पर प्रकाश डालती है। पाठकों की आसान और बेहतर समझ के लिए इन सभी मुद्दों को सरल भाषा का प्रयोग करके, प्रासंगिक और नवीन आंकड़ों, केस स्टडीज़ और नागरिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित नवीन विशिष्टताओं की सहायता से समझाया गया है।Item type | Current location | Call number | Status | Date due | Barcode |
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Books | NASSDOC Library | 305.5688 DAL- (Browse shelf) | Available | 54140 |
दलित सशक्तिकरण चार परस्पर संबंधित मुद्दों को संबोधित करती है। यह भारतीय समाज में बहिष्कृत और स्वदेशी समूहों के बहिष्करण संबंधी पृथक्करण की अवधारणा का निर्माण करती है। प्रस्तुत पुस्तक सामाजिक बहिष्करण की संकल्पना और अर्थ को सामान्य रूप में तथा जाति, अस्पृश्यता और नस्ल-आधारित बहिष्कार की अवधारणा और अर्थ को विशेष सन्दर्भ में विस्तारपूर्वक प्रस्तुत करती है। यह दलितों और आदिवासियों के वंचित समूहों की स्थिति के प्रस्तुतिकरण के साथ ही मानव विकास के उपार्जन के क्रम में अंतर-सामाजिक समूह की असमानताओं को भी निरूपित करती है। तत्पश्चात इस पुस्तक में संसाधनों, रोजगार, शिक्षा और सामाजिक आवश्यकताओं तक न्यून पहुंच के संदर्भ में इन वंचित समूहों की उच्च अभावग्रस्तता से संबंधित कारकों का विश्लेषण किया गया है। अंततः, यह पुस्तक आर्थिक, नागरिक और राजनीतिक क्षेत्रों में भेदभाव की भूमिका पर समूह की इन असमानताओं की जड़ता पर प्रकाश डालती है। पाठकों की आसान और बेहतर समझ के लिए इन सभी मुद्दों को सरल भाषा का प्रयोग करके, प्रासंगिक और नवीन आंकड़ों, केस स्टडीज़ और नागरिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित नवीन विशिष्टताओं की सहायता से समझाया गया है।
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