भारतीय एवं पाश्चात्य वाक्यार्थ सिद्धांत / बलराम शुक्ल
By: शुक्ल, बलराम.
Publisher: दिल्ली प्रतिभा प्रकाशन 2013Description: xxiii, 326p.ISBN: 9788177023350.Subject(s): Sentence Meaning -- Philosophy | Philosophy of Language -- Indian PerspectiveDDC classification: 401.43 Summary: प्रस्तुत पुस्तक में भाषा, भाषा वाक्य तथा वाक्यार्थ के सम्बन्ध में प्राय: सभी प्रमुख भारतीय तथा पाश्चात्य सिद्धान्तों का ऊहापोहपूर्वक विवेचन प्रस्तुत करने के पश्चात् वाक्यार्थ सम्बन्धी एक विशिष्ट पाश्चात्य मत-रेलेवेंस सिद्धान्त के सन्दर्भ में भारतीय सिद्धान्तों का विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। इस सिद्धान्त का प्रमुख प्रतिपाद्य यह है कि प्रत्येक भाषिक संवाद रेलेवेंस की गारण्टी से युक्त होता है, परन्तु इस प्रसंग में रेलेवेंस को निश्चित करने वाले तत्वों का परिगणन नहीं किया गया है। प्रस्तुत शोध में भारतीय सिद्धांत की सहायता से इस सिद्धान्त को दृढतर तथा सम्भायतर बनाने का प्रयत्न किया गया है। इस प्रयास से हमारे सामने वाक्यार्थ निर्धारण का एक सशक्त तथा परिपूर्ण त्रिस्तरीय मॉडल उभर कर आता है। इस पुस्तक में वाक्यार्थ सम्बन्धी और भी अनेक नवीन सुझाव दिये गये हैं।Item type | Current location | Call number | Status | Date due | Barcode |
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NASSDOC Library | 401.43 SHU-B (Browse shelf) | Available | 54811 |
प्रस्तुत पुस्तक में भाषा, भाषा वाक्य तथा वाक्यार्थ के सम्बन्ध में प्राय: सभी प्रमुख भारतीय तथा पाश्चात्य सिद्धान्तों का ऊहापोहपूर्वक विवेचन प्रस्तुत करने के पश्चात् वाक्यार्थ सम्बन्धी एक विशिष्ट पाश्चात्य मत-रेलेवेंस सिद्धान्त के सन्दर्भ में भारतीय सिद्धान्तों का विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। इस सिद्धान्त का प्रमुख प्रतिपाद्य यह है कि प्रत्येक भाषिक संवाद रेलेवेंस की गारण्टी से युक्त होता है, परन्तु इस प्रसंग में रेलेवेंस को निश्चित करने वाले तत्वों का परिगणन नहीं किया गया है। प्रस्तुत शोध में भारतीय सिद्धांत की सहायता से इस सिद्धान्त को दृढतर तथा सम्भायतर बनाने का प्रयत्न किया गया है। इस प्रयास से हमारे सामने वाक्यार्थ निर्धारण का एक सशक्त तथा परिपूर्ण त्रिस्तरीय मॉडल उभर कर आता है। इस पुस्तक में वाक्यार्थ सम्बन्धी और भी अनेक नवीन सुझाव दिये गये हैं।
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