000 02741nam a22001697a 4500
999 _c26514
_d26514
020 _a9780199489534
082 _a346.540166
_bKHU-T
100 _aखुर्शीद, सलमान
_qKurshid Salman
245 _aतीन तलाक
_b: आस्था की छानबीन
246 _aTeen Talak
260 _aनई दिल्ली
_bऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस
_c2018
300 _axv,204p.
520 _aतीन तलाक़ या तलाक़-ए-बिदत मुस्लिम समाज में एक बहस का विषय बना हुआ है। मुस्लिम समाज में तीन तलाक़ का रिवाज क़ायम है। कई बार पति, अपनी पत्नी को तीन बार तलाक़ बोलकर इस रिवाज का दुरुपयोग करते हैं। भारत की सुप्रीम कोर्ट ने सायरा बानो बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया के एक महत्वपूर्ण मुक़दमे में अपना फैसला सुनाया। जिसमे तीन तलाक़ को असंवैधानिक और इस प्रथा को ख़त्म करने की बात कही। सलमान ख़ुर्शीद तीन तलाक़ के मुक़दमे का हिस्सा थे। उन्होंने ‘तीन तलाक़ : आस्था की खोजबीन’ किताब के जरिए इस मसले के विविध आयामों को समझने और समझाने की कोशिश की है। किताब में तीन तलाक़ पर आए अदालतों के पुराने निर्णयों का विश्लेषण किया गया है। लेखक ने क़ुरान, हदीस और अन्य इस्लामिक ग्रंथों के संदर्भों के जरिए भी तीन तलाक़ का विश्लेषण किया है। तीन तलाक़ के धार्मिक और न्यायिक पक्षों को समझने के लिए यह एक हैंडबुक है जिसे सहज और सरल भाषा में आम पाठकों के लिए लिखा गया है।
546 _aHindi
650 _aLaw and legislation
_vDivorce
_zIslamic law
942 _2ddc
_cBK