000 | 03942nam a2200157 4500 | ||
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999 |
_c37042 _d37042 |
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082 | _aRJ.0178 | ||
100 |
_aJeenagar, Gauri Shankar _uMaharaja Ganga Singh University _vBikaner, Rajasthan |
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245 |
_a समसामयिक जैव-प्रौद्योगिकी विकास से उत्पन्न चुनौतियों का भारतीय पाश्चात्य नीतिशास्त्र की दृष्टि से समालोचनात्मक अध्ययन/ _cDr.Gauri Shankar Jeenagar |
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260 |
_aNew Delhi : _b Indian Council of social science research, _c2018 |
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300 | _a186p. | ||
520 | _aइस शोध में इन विषयों के साथ जुड़ी हुई प्रायः सभी प्रकार की नैतिक जटिलताओं को स्पर्श करने का प्रयास किया गया है जो विषय की गहनता को देखते हुए आवश्यक है। • इस शोध में भावी अध्येताओं और शोधार्थियों के लिये उपलब्ध अधिकृत सन्दर्भ सामहीत है | का प्रयोग किया गया है तथा इसका उल्लेख भी यथा स्थान सन्दर्भित किया गया है। जिससे भावी अध्येताओं को सुविधा मिल सकती है। इस शोध के माध्यम से समाज के बुद्धिजीवी वर्ग का ध्यान इन विषयों पर और आगे चिन्तन हेतु आकर्षित करने का प्रयास किया गया है जिससे वे भविष्य में इन चुनौतियों के समुचित समाधान ढूंढ़ सकें। शोध के लिये उपलब्ध समय और संसाधनों की सीमा को तथा अपने ज्ञान और प्रतिभा की सीमितता को देखते हुए शोध की ये उपलब्धियाँ पूर्णतः तो सन्तोषजनक नहीं मानता परन्तु इनके महत्त्व को लेकर कोई सन्देह नहीं है। इस पूरे शोध प्रबन्ध के लिये यथाशक्ति अध्ययन और इसके प्रस्तुतीकरण के अपने प्रयासों द्वारा मैं जिन निष्कर्षो और सुझावों तक पहुँच पाया हूँ वे भी विनम्रतापूर्वक प्रस्तुत करता है | इस शाखा ने मानव में जीवन का सृजन करने, उसे अपने अनुसार दालने और बदलने की ऐसी क्षमता उत्पन्न करने की वचनबद्धता पूरी की है जिसके परिणामस्वरूप समाज के ढांचे और कार्यप्रणाली के साथ-साथ आचारिक और नैतिक सिद्धान्तों में आमूल परिवर्तन या समुचित संशोधन की मांग प्रस्तुत की है। | ||
536 | _aIndian Council of Social Science Research, New Delhi | ||
650 |
_aBiotechnology _vPlant cell biotechnology _zIndia |
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650 |
_ahuman cloning _zIndia |
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942 |
_2ddc _cRP |