000 03680 a2200205 4500
999 _c38855
_d38855
020 _a9789351868101
082 _a923.454
_bNAR-M
100 _aनरीमन,फली
_qFali S. Nariman
245 _aमें भूल न जाऊ
_cफली, नरीमन
246 _aMain Bhool Na Jaoon
260 _a नई दिल्ली:
_bप्रभात प्रकाशन
_c2023.
300 _a360p.
_bचित्रण
520 _aयादें धुँधलाने से पहले ’ एक उद्घाटक, व्यापक और विचारात्मक आत्मकथा—खरी, सम्मोहक और आधिकारिक। कई दशकों से फली एस. नरीमन एक प्रख्यात विधिवेत्ता हैं, जिनके विचार सत्ता के गलियारों, न्यायिक और राजनीतिक दोनों में ही न केवल सुने जाते हैं, बल्कि उनका सम्मान भी किया जाता है। इस पुस्तक में रंगून में बिताए उनके बचपन से लेकर अब तक की जीवन-यात्रा को प्रस्तुत किया गया है। शुरुआत उन वर्षों से की गई है, जब उन्हें अनेक ख्यात न्यायाधीशों और वकीलों से संपर्क का सौभाग्य मिला। उसके बाद लेखक ने अनेक महत्त्वपूर्ण और विविध विषयों पर चर्चा की है, जिनमें से कुछ निम्नानुसार हैं— भारतीय संविधान की पवित्रता और उससे छेड़छाड़ के प्रयास। राष्ट्र पर निर्णायक असर डालने वाले महत्त्वपूर्ण मुकदमे, खासकर कानून की व्याख्या से संबंधित। राजनीतिक वर्ग और न्यायपालिका के अंतर्संबंध। भ्रष्टाचार का असाध्य और भयावह रोग तथा इससे लड़ने के उपाय। विद्वान् लेखक ने वकालत के पेशे की गिर चुकी विश्वसनीयता को बहाल करने के उपायों की भी चर्चा की है। इसमें उन्होंने अनेक हाई प्रोफाइल मुकदमों में अपनी भूमिका को भी प्रस्तुत किया है और राज्यसभा में अपने कार्यकाल के बारे में भी बताया है। इस सूचनात्मक, शिक्षाप्रद और विचारोत्तेजक पुस्तक को वकालत के पेशे से जुड़े लोगों और आम पाठकों के लिए पढ़ना जरूरी है|
650 _aBiography
650 _a जीवनी
650 _aPolitical leader
_zIndia
650 _aconstitution
_zIndia
650 _a संविधान
_z भारत
942 _2ddc
_cBK