000 | 05776nam a22001817a 4500 | ||
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999 |
_c39714 _d39714 |
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020 | _a9788131614204 | ||
082 |
_a320.954 _bYAT-S |
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100 | _a | ||
245 |
_aसमकालीन भारतीय संघवाद: _bचुनौतियाँ, अवसर एवं संभावनाएं / _cयतींद्रसिंह सिसोदिया, उदय सिंह राजपूत, पुष्पेंद्र कुमार मिश्र (संपा) |
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246 | _aContemporary Indian Federalism | ||
260 |
_aजयपुर _bरावत पब्लिकेशन्स _c2025 |
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300 | _axiii, 246p. | ||
520 | _aसंघवाद का अभिप्राय केन्द्रीय सरकार और राज्य सरकारों के मध्य विधयी, वित्तीय और कार्यकारी शक्तियों का विवेकसम्मत विभाजन है ताकि प्रत्येक सरकार अपने क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से कार्य कर सके। भारत जैसे देश में संघवाद का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि यहाँ वैविध्यपूर्ण पृष्ठभूमि और संस्कृति के लोग एक साथ रहते हैं। आधुनिक युग में संघवाद दो अलग-अलग प्रवृत्तियों - साझा हितों की बढ़ती सीमा और स्थानीय स्वायत्तता की आवश्यकता के बीच सामंजस्य का सिद्धान्त है। प्रस्तुत पुस्तक एक राष्ट्रीय संगोष्ठी में किये गए गंभीर बौद्धिक विमर्श के चयनित लेखों का सम्पादित संग्रह है। यह पुस्तक, केन्द्र-राज्य सम्बन्धों को आकार देने वाले संवैधानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक कारकों, राजनीतिक दल, बहुदलीय व्यवस्था और गठबंधन सरकारों का संघीय व्यवस्था पर प्रभाव, नीति आयोग, वस्तु एवं सेवा कर, वित्त आयोग तथा कोविड-19 महामारी का संघीय व्यवस्था पर प्रभाव जैसे कई महत्वपूर्ण पहलुओं, जिन्होंने एक जीवंत अकादमिक बहस को जन्म दिया है, का प्रभावकारी विश्लेषण करती है। यह पुस्तक भारत जैसे जटिल और विविधताओं से भरे हुए समाज के लिए लोकतंत्र की सपफलता और राष्ट्र की एकता के लिए संघवाद के मूलभूत मूल्यों को रेखांकित करती है तथा भारतीय संघवाद के विभिन्न पक्षों पर सूक्ष्म स्तर से लेकर व्यापक स्तर पर कार्य कर रहे अध्येताओं के बौद्धिक और अकादमिक विमर्श को जगह देती है। पुस्तक को एक सुस्पष्ट संपादकीय परिचय से आरंभ करते हुए 18 शोधपरक आलेखोें को चार भागों- (1) संघवाद की वैचारिकी एवं सामयिकी, (2) सहकारी संघवाद, विकेन्द्रीकरण, समन्वय एवं सहकार, (3) केन्द्र-राज्य संबंध, और (4) वित्तीय संघवाद के शीर्षकों में विभाजित किया गया है। भारतीय संघवाद के समकालीन विमर्श पर आधरित यह पुस्तक अकादमिक सृजन की अनवरत धारा में कुछ नया जोड़ने का विनम्र प्रयास है। यह पुस्तक शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं, योजनाकारों, शिक्षाविदों, राजनीतिक प्रतिनिधियों, मीडियाकर्मियों और भारतीय राज व्यवस्था और विशेषकर केन्द्र-राज्य सम्बन्धों से सरोकार रखने वाले सभी पाठकों के लिए अत्यधिक रुचिकर आगत होगी। | ||
650 |
_aFederal Government _zIndia |
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650 |
_aIndian Politics _xChallenges and Opportunities |
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700 |
_aयतींद्रसिंह सिसोदिया, उदय सिंह राजपूत, पुष्पेंद्र कुमार मिश्र _eसंपादक |
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942 |
_2ddc _cBK |