000 | 01627nam a22002057a 4500 | ||
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999 |
_c39759 _d39759 |
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020 | _a9788196814335 | ||
041 | _ahin- | ||
082 |
_a891.433 _bTHA-C |
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100 |
_aठाकुर, कंचन _eलेखक |
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245 |
_aचुग़लखोर खिड़की / _cकंचन ठाकुर |
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260 |
_aनई दिल्ली : _bसृजन फ्लाईड्रीम्स, _c२०२४. |
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300 | _a७२पृ. | ||
440 | _aकहानी संग्रह | ||
520 | _aछोटी-छोटी कहानियों को एक गुलदस्ता है, जिनके द्वारा लेखिका ने अपने हृदय में बसे विचारों को पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया है। लेखिका के ये विचार कहानियों के माध्यम से उभरे हैं। कुछ कहानियों में लेखिका ने समकालीन हालात से पाठकों को रूबरू कराया है तो कुछ कहानियाँ ज्ञान का सागर हैं। | ||
546 | _aहिंदी | ||
650 |
_aहिंदी साहित्य _vलघु कथाएँ _xमहिला लेखिकाएँ _zभारत |
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650 |
_aसाहित्य में सामाजिक समस्याएँ _zभारत |
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650 |
_aहिंदी कहानियाँ _x21वीं सदी _zभारत |
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942 |
_2ddc _cBK |